जननी (Divine Mother - Maa Chamunda)
प्रेम से रचित इस ब्रह्माण्ड की जननी हूँ मैं यहाँ प्यार, राग और लहू का एक ही रंग है जो तेरा राग से बैराग की तरफ जाना तय हुआ कीमत अदा करने का समय भी निकट आ गया जिस रक्क्त को बहा कर तेरा अस्तित्व बना रहा उसी से मेरा अभिषेक कर ऋणमुक्क्त हो जा
~ MS
More by Nirmal Parmar View profile
Like